इलेक्ट्रिक कार पार्ट्स:- इलेक्ट्रिक कार कैसे काम करती है (Electric car kaise kaam krti hai)एक Electric car या कार का हिस्सा और एक फ़ंक्शन कार के मॉडल पर निर्भर करता है। वर्तमान में दुनिया भर में कम से कम चार प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहन बेचे जाते हैं और संचालित किये जाते हैं यह आर्टिकल सामान्य विद्युत या घटकों और उनके कार्यों जैसे ट्रैक्शन बैटरी, इनवर्टर (DC Convertor), Trection moter,On Bourd Charger और नियंत्रण पर चर्चा करता है। विभिन्न प्रकार के Electric car पार्ट के बारे में बात करते हैं की कार कैसे काम करती है आदि की जानकारी
दुनिया की पहली इलेक्ट्रिक कार 1885 में चलाई गई थी तीन पहियों ईरिक्सा थी जिसकी स्पीड लगभग 16 KM/H की थी। लेकिन समय के साथ सब बदलता गया और नई टेक्नोलॉजी तरक्की करने लगी इसी बदलाव के वजह से आज गाड़ी 400 KM/H की रफ्तार से दौड़ रही है।
इलेक्ट्रिक कार कैसे काम करती है
जब कार का पैडल दबाया जाता है, तब: Controller Battery और Invertor को light की आपूर्ति को पूरा करने की अनुमति देता है और नियंत्रित करता है
Controller के साथ, inverter engine को एक निश्चित मात्रा में विद्युत Power भेजता है और ये पैडल के दबाव पर निर्धारित होता है
इलेक्ट्रिक कार Electric Power को मोटर के माध्यम से पहियों के घूमने का काम करती है
मोटर में लगा रोटर के रोटेशन Transmission को घुमाता है जिससे कि पहिए घुमानर लगते हैं और कार चलती है।
Electric battery
यह पावर को स्टोर करती है और EV के मोटर को चलाने के लिए ऊर्जा प्रदान करती है
Inverter
कंट्रोलर यह EV को कण्ट्रोल करके Balance करता हे ओर EV में पॉवर के flow को निर्धारित करता है की कहा कब कितनी Power जानी है एक तरह से माने की यह EV का माइंड है जो को ड्राइवर द्वारा दी गई कमांड को फॉलो करवाता है
Electric motor
EV में पॉवर का मेन जरिया उसकी बैटरी होती हे जो मोटर को करंट दिया करती है जिससे मोटर व्हीकल घूमने लगते हैं
Controllor
कंट्रोलर यह इलेक्ट्रिक कार कैसे काम करती है Electric car Parts, Battery को कंट्रोल करके BLANCE करता है ओर EV में पॉवर के धारा को निर्धारित करता है की कब कितनी power देनी होती है एक तरह से माने की Controllor EV (electric vehicle) का माइंड है जो की ड्राइवर द्वारा दी गई कमांड को फॉलो करवाता है
Transmission
बैटरी से निकली energy को मोटर Transmission के द्वार स्थांत्रिक किया जाता है जो की EV (electric vehicle) के पहियों को घुमाने का काम करती हैं जिससे EV (electric vehicle) में Speed बनने लगती है Transmission यह सुनाचित करता है की आपके EV को पॉवर सप्लाई मिलती रहे
Thermal system
कोई भी मशीन हो जो अगर ज्यादा देर तक काम करे तो वह गरम होने लगती है यही दिक्कत EV (electric vehicle) में होती है लगातार काम करने के कारन बैटरी heat होने लगती है जिसको ठंडा करने के लिए इसके अगल बगल से पाइप लगाई जाती है और उसमे Glycol Liqued भरा जाता है जो बहुत ठंडा होता है जो बैटरी को ज्यादा Heat नही होने देता है।
DC/DC converter
यह high DC पॉवर को ट्रैक्शन बैटरी पैक से कम वोल्टेज DC मे बदलता है जिससे EV के other accessories जैसे हॉर्न ,लाइट सहायक Accessories को चलाया जा सके
Charging port
चार्जिंग पोर्ट जो की EV (Electric Vehicle) को चार्ज करने कामाध्यम होता है जिससे बैटरी चार्ज होती है
On board charging
यह EV (Electric Vehicle) के अंदर पहले से ही फिट होता है यह चार्जिंग पोर्ट से आने वाली Electricity को AC से DC में बदल कर बैटरी को चार्ज करने में मदद करती है यह चार्जिंग करने के साथ और भी काम करते है जैसे Voltage ,Temperature और चार्ज की percentage को ध्यान रखता है और उसे दिखाता रहता है।
इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने में कितना समय लगता है(how long does it take to charge an electric car)
एक इलेक्ट्रिक कार के लिए कम से कम चार्जिंग का समय 1 घंटे से लेकर 7 घंटे से अधिक तक हो सकता है। स्लो चार्जिंग या अलटरनेट चार्जिंग 6 से 7 घंटे लगते हैं यह सब चार्जिंग स्टेशन की गति और बैटरी के आकार पर निर्भर करता है। अगर आप कार को फ़ास्ट चार्जिंग से चार्ज करते है तो यह लगभग 60 से 110 मिनट और Slow चार्ज के साथ इसे full चार्ज होने में 6 से 7 तक का समय लग सकती है
निष्कर्ष :-
आशा करता हु की आप जान गए होंगे की इलेक्ट्रिक कार कैसे काम करती है। और भी जो जानकारी चाहिए आप हमे कमेंट के माधयम से बता सकते हैं या फिर Contact as में जा कर आप हमसे संपर्क कर सकते है धन्यवाद
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