IP Address क्या है? यह कैसे काम करता है? और क्यों जरूरी है?
अगर आपका इंटरनेट की दुनिया से थोड़ा सा भी संपर्क है! तो आपने IP Address का नाम तो सुना ही होगा. भले ही यह इंटरनेट, नेटवर्क या WWW के संदर्भ में सही हो, लेकिन सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आईपी एड्रेस क्या होता है? और इसका कार्य क्या है?
नहीं तो कोई बात नहीं। क्योंकि आज हम इसी के बारे में बात करने जा रहे हैं। तो, अगर आप जानना चाहते हैं कि आईपी एड्रेस (इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस) क्या है? और यह कैसे काम करता है? तो यह लेख खास आपके लिए है, इसे पूरा पढ़ें।
IP Address
जब आप कोई चीज़ ऑनलाइन खरीदते हैं तो वह आपके घर कैसे पहुँचती है? और वह तुम्हारे ही घर क्यों आता है? किसी और के घर क्यों नहीं पहुंचते? जाहिर है पते की वजह से? क्योंकि पार्सल पर आपके घर का पता लिखा होता है। इसलिए वह बिना किसी परेशानी के आपके घर पहुंच जाता है। इसी तरह हर घर का एक यूनिक पता होता है, जिसकी मदद से उस घर को आसानी से ढूंढा जा सकता है। लेकिन इसका IP पतों से क्या लेना-देना है? दरअसल इससे लेना-देना है।
IP Address kaise kaam krta hai
दरअसल, इंटरनेट एक बहुत बड़ा नेटवर्क है, जिससे दुनिया भर के कंप्यूटर जुड़े हुए हैं। लेकिन जब आप इंटरनेट से कोई फाइल डाउनलोड करते हैं! तो यह दुनिया भर के कंप्यूटरों को छोड़कर आपके कंप्यूटर पर डाउनलोड किया जाता है। कैसे? आखिर इतने सारे कंप्यूटर छोड़कर वह आपके अपने कंप्यूटर में कैसे आ जाती है? क्या उसका कोई पता है? उत्तर है – हाँ। दरअसल हर कंप्यूटर का एक एड्रेस होता है, जिसे आईपी एड्रेस कहा जाता है। लेकिन यह आईपी एड्रेस क्या है? आइए जानते हैं।
What is IP Address?
एक आईपी पता वास्तव में संख्याओं का एक समूह है जो एक डिजिटल पते की तरह कार्य करता है। यानी कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े उपकरणों की पहचान करने और उनके बीच डेटा ट्रांसफर (Data Transfer) करने में मदद करता है। आईपी एड्रेस (IP Address) का पूरा नाम इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (Internet Protocol Address) है। और यह एक उपकरण को Communicate करने में मदद करता है। मैं आपको बताना चाहूंगा कि हर डिवाइस का एक यूनिक आईपी एड्रेस (Unique IP Address) होता है। और इसी से उस डिवाइस की पहचान होती है।
उदाहरण के लिए, जब आप इस लेख को खोलते हैं, तो आपके राउटर (Router) को अपने आईपी एड्रेस (IP Address) से पता चल जाता है कि आपके अनुरोध (Request ) पर कहां पहुंचना है। परिणामस्वरूप, उन्होंने आपका अनुरोध Rostr.in के सर्वर पर भेज दिया। और सर्वर ने इस पेज को आपके कंप्यूटर पर एक्सेस किया। इस तरह यह पेज आपके कंप्यूटर तक पहुंचा। और आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर ब्राउज़र द्वारा डिस्प्ले किया जाता है। अब ब्राउज़र ने यह कैसे किया? इसे समझने के लिए आपको यह लेख पढ़ना होगा:-
दरअसल, IP Address एक तरह की डिवाइस होता है, जिसके माध्यम से उस डिवाइस की पहचान होती है। यानि कि जिस तरह हम लोग एक-दूसरे को उसके नाम से जानते हैं। उसी तरह कम्प्यूटर्स को उनके IP Address के माध्यम से पहचाना जाता है। जब हम अपने किसी भी उपकरण (Device) को जैसे की अपने Phone या Computer को इंटरनेट से कनेक्ट करते हैं! तो आपके ISP (Internet Service Provider) द्वारा आपके डिवाइस को एक IP Address जारी किया जाता है। और इसी आईपी एड्रेस की मदद से आपके डिवाइस की पहचान होती है।
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Versions of IP Address
IP Address के दो वर्जन होते हैं। पहला, IPv4 और दूसरा, IPv6 लेकिन इन दोनों में क्या अंतर है? आइए, समझते हैं।
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IPv4
IPv4 32 बिट का होता है। दशमलव की सहायता से इसे चार भागों में बांटा गया है। और प्रत्येक भाग 8 बिट का होता है। साथ ही इसमें प्रत्येक रेंज 0 से 255 के बीच होती है। यह सबसे सामान्य IP संस्करण है, जो इंटरनेट की शुरुआत से चल रहा है। लेकिन अब इसकी हद हो गई है. दरअसल इसमें अनलिमिटेड आईपी एड्रेस नहीं बनाया जा सकता। ठीक है, IPv4 पता कुछ इस तरह दिखता है:- 192.106.254.201
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IPv6
पिछले कुछ सालों में इंटरनेट यूजर्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। और इस वजह से एक नए संस्करण की आवश्यकता महसूस की गई। परिणामस्वरूप IPv6 विकसित किया गया, जिसमें असीमित IP पते बनाए जा सकते हैं। IPv6 एक उन्नत IP संस्करण है, जो 128 बिट का है। यह बृहदान्त्र के माध्यम से 8 भागों में विभाजित है। IPv6 कुछ इस तरह दिखता है:- 2409:2452:4e06:44e0:cf7:3084:fb21:206d
IP Address के प्रकार
अगर IP Address के प्रकारों की बात करें तो ये दो प्रकार होते हैं। पहला, Private IP Address (प्राइवेट आईपी एड्रेस) और दूसरा Public IP Address (पब्लिक आईपी एड्रेस)। लेकिन इन दोनों में फर्क क्या है? आइए, जानते हैं। Types of IP Address :-
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Private IP Address
IP पता जो आपका नेटवर्क राउटर (Network Router) आपके डिवाइस को Assign करता है। नेटवर्क के भीतर प्रत्येक डिवाइस को एक अलग IP Address Assign गया है। और इस तरह एक प्राइवेट नेटवर्क (Private Network) के सभी डिवाइस एक दूसरे के साथ Communicate करते हैं। मूल रूप से, Private IP Address आपके घर या कार्यालय के नेटवर्क को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।
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Public IP Address
आपके ISP (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) द्वारा आपके नेटवर्क राउटर (Network Router) को जो IP एड्रेस दिया जाता है, उसे पब्लिक आईपी एड्रेस (Public IP Address) कहा जाता है। वास्तव में, आपके डिवाइस का एक निजी IP Address भी होता है। लेकिन जब आप इसे इंटरनेट से जोड़ते हैं, तो यह आपके राउटर के Public IP एड्रेस से जुड़ जाता है। इसलिए उसका Private IP Address छिपा हुआ है। यानी दूसरे छोर पर सिर्फ आपके राउटर का पब्लिक आईपी एड्रेस दिखाई देता है।
IP Address के Classes
क्या आप आईपी एड्रेस के अलग-अलग Classes के बारे में जानते हैं? शायद कुछ लोगों को पता होगा। लेकिन जो नहीं जानते उनके लिए मैं बताना चाहूंगा कि नेटवर्क साइज (Network Size) के आधार पर आईपी एड्रेस के 5 अलग-अलग Classes होते हैं। और ये A, B, C, D और E हैं। लेकिन सवाल यह है कि इन पांचों का क्या मतलब है? और उनमें क्या अंतर है? आइए, समझते हैं।
Class A
A class का उपयोग बड़े नेटवर्क के लिए किया जाता है। इसमें कई Hosts हैं। A Class आईपी एड्रेस के पहले 8 बिट्स (पहला भाग) नेटवर्क का प्रतिनिधित्व करते हैं और अंतिम 24 बिट्स (अंतिम तीन भाग) Host Part का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस Class की Range 1 से 127 तक है। लेकिन 127.0.0.0 से 127.2255.255.255 तक के IP Addresses Loopback के लिए आरक्षित हैं। यानी इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
Class B
इसका उपयोग मध्यम आकार के नेटवर्क के लिए किया जाता है। इसके आईपी पते में, पहले 16 बिट्स (पहले दो भाग) नेटवर्क का प्रतिनिधित्व करते हैं और अंतिम 16 बिट्स (अंतिम दो भाग) होस्ट भाग का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं अगर रेंज की बात करें तो क्लास बी की रेंज 128 से 191 तक होता है।
Class C
इसका उपयोग छोटे आकार के नेटवर्क के लिए किया जाता है। इसके आईपी पते में, पहले 24 बिट्स (पहले तीन भाग) नेटवर्क का प्रतिनिधित्व करते हैं और अंतिम 8 बिट्स (अंतिम एक) मेजबान भाग का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस वर्ग की सीमा 192 से 223 है।
Class D
नियमित नेटवर्क संचालन के लिए क्लास डी का उपयोग नहीं किया जाता है। यह मल्टीकास्टिंग एप्लिकेशन (Multicasting Application) के लिए आरक्षित है। इस वर्ग की सीमा 224 से 239 है।
Class E
Class E अपरिभाषित है। इसका उपयोग अभी तक परिभाषित नहीं किया गया है। इसकी रेंज 240 से 245 है। इसमें 240.0.0.1 से 254.255.255.254 तक के आईपी एड्रेस (IP Addresses) शामिल हैं। यह भविष्य के उपयोग के लिए आरक्षित है।
What is my IP Address?
अब सवाल यह है कि हम अपने डिवाइस का आईपी एड्रेस (IP Addresses) कैसे चेक करते हैं? तो एक आसान तरीका है, जिसकी मदद से आप जब चाहें अपने डिवाइस (फोन, टैबलेट, लैपटॉप, कंप्यूटर, स्मार्टवॉच आदि) का आईपी एड्रेस चेक कर सकते हैं।
इसके लिए डिवाइस में मौजूद किसी भी एक वेब ब्राउजर को खोलें जिसका आईपी एड्रेस आप चेक (IP Address Cheak) करना चाहते हैं। अगर आप अपने फोन का आईपी एड्रेस जानना चाहते हैं तो फोन में मौजूद कोई भी वेब ब्राउजर खोलें। उदाहरण के लिए Chrome Browser
इसके बाद ब्राउजर के सर्च बार में What is my ip टाइप करें और सर्च करने के लिए सर्च का बटन दबाये। बस, आपके सामने आपके फ़ोन का IP पता प्रदर्शित हो जाएगा। इसके अलावा आप whatismyipaddress.com पर जाकर भी अपने डिवाइस का आईपी एड्रेस चेक कर सकते हैं। यहां आपको IPv4 और IPv6 दोनों वर्जन मिलेंगे। साथ ही आईपी एड्रेस की करंट लोकेशन भी दिखाई देगी।
Who manages IP Addresses?
अब सवाल यह है कि आईपी एड्रेस को कौन मैनेज करता है? तो इसके लिए IANA (Internet Assigned Numbers Authority) जिम्मेदार है। लेकिन अलग-अलग इकाइयाँ IP एड्रेस को डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए अलग-अलग Regions के अनुसार काम करती हैं। यानी पूरी दुनिया को 5 रीजनल Regional Internet Registries (RIRs) में बंटी हुई है:-
ARIN (American Registry For Internet Numbers)
LACNIC (Latin American And Caribbean Internet Addresses Registry)
AFRINIC (African Network Information Centre)
APNIC (Asia-Pacific Network Information Centre)
RIPE NCC (Reseaux IP Europeens Networks Coordination Centre)
इस वक्त दुनिया में ये 5 RIRs कार्यरत हैं। IANA, इन पाँचों RIRs को आईपी एड्रेसेज के बड़े-बड़े ब्लॉक्स प्रोवाइड करवाती है। और ये पाँचों अपने-अपने Region के ISPs, Local Registries और Specific Users को उनकी जरूरत के हिसाब IP Addresses Assign करती हैं। उसके बाद ISPs (Internet Service Providers) हमारे जैसे यूजर्स को Assign कर देते हैं। इसके लिए कड़े Rules & Regulations फॉलो किए जाते हैं। साथ ही प्रत्येक आईपी एड्रेस का रिकॉर्ड रखा जाता है।
Summary
- आईपी एड्रेस के 2 वर्जन्स हैं IPv4 और IPv6. IPv6 एक उन्नत वर्जन है।
- इसके अलावा आईपी एड्रेसेज 2 प्रकार के होते हैं।
- एक, Private IP Address और दूसरा, Public IP Address.
- आप जब चाहें अपने डिवाइस का आईपी पता देख सकते हैं।
- आईपी एड्रेसेज को Manage करने का काम IANA का है।
- यह ICANN का एक प्रभाग है, जो आईपी एड्रेसेज को मैनेज करता है।
IP Address : FAQs
प्रश्न-1. आईपी एड्रेस क्या होता है?
उत्तर: आईपी एड्रेस एक Numerical Address होता है, जो कम्प्यूटर नेटर्वक से जुड़े डिवाइसेज की पहचान करने और उनके बीच Data Transfer (Communicate) करने में मदद करता है।
प्रश्न-2. IP Address का पूरा नाम क्या है?
उत्तर: आईपी का पूरा नाम Internet Protocol Address (इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस) है।
प्रश्न-3. आईपी एड्रेस कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: आईपी एड्रेस 2 प्रकार के होते हैं। एक, Private IP Address और दूसरा Public IP Address. IPv4 और दूसरा IPv6.
प्रश्न-4. आईपी एड्रेस के वर्जन्स कौन-कौनसे हैं?
उत्तर: आईपी एड्रेस के 2 वर्जन हैं। एक, IPv4 और दूसरा, IPv6.
प्रश्न-5. आईपी एड्रेस के कितने क्लासेज होते हैं?
उत्तर: आईपी एड्रेस के 5 क्लासेज होते हैं। A, B, C, D और E.
प्रश्न-6. आईपी एड्रेस के कितने भाग होते हैं?
उत्तर: आईपी एड्रेस के IPv4 वर्जन के 4 भाग होते हैं, जबकि IPv6 वर्जन के 8 भाग होते हैं।
प्रश्न-7. IPv4 क्या है? इसमें कितने बिट होते हैं?
उत्तर: IPv4 आईपी एड्रेस का एक प्रकार है, जो दशमलव के जरिए 4 भागों में बंटा होता है। इसमें 32 बिट होते हैंं। यानि कि प्रत्येक भाग 8 बिट का होता है।
प्रश्न-8. IPv6 क्या है? इसमें कितने बिट होते हैं?
उत्तर: IPv6 आईपी एड्रेस का नया वर्जन है, जो कॉलन के जरिए 8 भागों में बंटा होता है। यह एक एडवांंस्ड वर्जन है। इसमें 128 बिट होते हैं। यानि कि प्रत्येक भाग 16 बिट का होता है।
प्रश्न-9. मेरे फोन का आईपी एड्रेस क्या है?
उत्तर: इसके लिए आप गूगल पर what is my ip address लिखकर सर्च कर सकते हैं। आपको अपने डिवाइस का Public IP Address देखने को मिल जाएगा।
प्रश्न-10. आईपी एड्रेस कौन जारी करता है?
उत्तर: आईपी एड्रेस IANA (Internet Assigned Numbers Authority) जारी करती है। यह ICANN का एक प्रभाग है।
उम्मीद है, इस आर्टिकल के जरिए आपको IP Address Kya Hai? और यह क्या काम आता है? इसके बारे में पूरी जानकारी मिली होगी।
साथ ही आईपी एड्रेस के वर्जन्स, प्रकार और Distribution System के बारे में भी काफी कुछ जानने को मिला होगा।
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